
+++++++ नागपुर, रविवार 05 अक्टूबर 2025 +++++++
दिपावली त्योहार पर अक्सर लोग अपने घरों की साफ सफाई और रंग रोगन किया करते हैं। सबको लगता है कि उनका घर खूबसूरत चमकदार दिखाई दे। दीपावली पर घरों की पेंटिंग भी की जाती है। आजकल बाजारों में कई प्रकार के पेंट आने लगे हैं। जिसकी चमक धमक को देखकर लोग मोहित हो जाते हैं। परन्तु पेंटिंग की इस चमक धमक के पीछे एक बड़ा खतरा भी छुपा हो सकता है। दरअसल जिस पेंट में लेड- मतलब सीसा की मात्रा अधिक होता है वह स्वास्थ के हिसाब से खतरनाक भी हो सकता है। 
जानकारी अनुसार इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवोल्यूशन( आईएचएमआई), के अनुसार वर्ष 2021 में लेड यानी की सीसा के संपर्क में आने के कारण विश्व भर में पंद्रह लाख लोगों की मौत हुई। यूनिसेफ में पब्लिक टॉक्सिक ट्रथ रिपोर्ट के अनुसार विश्व का हर तीसरा बच्चा लेड-सीसा, पॉयजनिंग का शिकार है, और इसका एक बड़ा कारण दिवालों लगाए जाने वाले पेंट में शामिल लेड यानी सीसा का होना भी है। आजकल अपने देश भारत में भी कई प्रकार के पेंट्स में लेड- सीसा, की मात्रा मानक से भी अधिक मात्रा में पाई जा गई है, जो की इन पेंटों के दिवारों पर लगाने के बाद बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए भी जोखिम पैदा करतें हैं। वर्ष 2019 में टॉक्सिक लिंक द्वारा किए गए अध्ययन में यह जानकारी मिली की भारतीय बाजारों में बिक रहे पेंट्स में लेड- सीसा, की मात्रा तय से अधिक 189पीपीएम(पार्ट्स पर मिलियन), से लेकर 1,09, 289 पीपीएम तक है। जानकारी के अनुसार यह भारत सरकार के द्वारा तय किए गए मानक(90 पीपीएम), से भी अधिक है। आईय अब जानते हैं कि लेड यानी की सीसा, क्या सेहत को नुकसान पहुंचाता है-:: लेड मतलब सीसा एक जहरीला धातु होता है, जो कि पृथ्वी की सतह में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। लेड-सीसे का उपयोग पेंट, कलर, खिलौने, बैटरी तथा कॉस्मेटिक मे किया जाता है। काफी हद तक लेड-सीसे को वाहनों के ईधन में भी मिलाया जाता है। परन्तु भारत सरकार ने वर्ष 2000 में वाहनों के ईधन में लेड-सीसे के उपयोग करने पर रोक लगा दी थी। हलॉकि हवाई जहाजों में उपयोग होने वाले ईधन में आज भी इसका उपयोग होता आ रहा है। लेड-सीसे के प्रोडक्शन उपयोग तथा इसके कचरे में फेंकने से पर्यावरण भी दूषित होता है। जिससे लोगों को खतरा बढ़ जाता है। लेड यानी सीसा एक बार पर्यावरण में पहुंच जाने के बाद लंबे समय तक बना रहता है। पेंट में लेड-सीसा, का उपयोग पेंट के उपयोग में मुख्य रूप से पेंट के चमक और अधिक बढ़ाने और पेंट को गाढ़ा बनाने के लिए किया जाता है। पेंट में लेड-सीसे को इसलिए मिलाते हैं कि-: दिवारों को नमीं फफूंद से बचाने के लिए, पेंट के रंग के टिकाऊपन के लिए , पेंट के रंग को जल्दी सुखाने के लिए, पेंट की मोटी परत के लिए, पेंट के रंग को और अधिक चोखा चटख बनाने के लिए ।। सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल-सीडीसी, के अनुसार लेड-सीसे की कोई भी मात्रा हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं होती है। हलॉकि भारत सरकार के मानका अनुसार पेंट्स में 90पीपीएम की मात्रा मिलाई जा सकती है, परन्तु यहां पर हैरानी वाली बात यह है कि टॉक्सिक लिंक के वर्ष 2015 सर्वे में यह पाया गया कि 46% भारतीय पेंट्स में लेड-सीसे की मात्रा दह हजार पीपीएम से भी अधिक थी। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक लेड यानी की सीसा बच्चों के आईक्यू लेवल पर चार पांच पाइंट तक असर डाल सकता है। लेड-सीसा, किडनी ब्रेन हड्डियों लिवर दांतों जैसे हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर अपना प्रभाव डाल सकता है। लेड-सीसा, खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि छोटे बच्चों का दिमाग और नर्वस सिस्टम अभी डेवलपिंग स्टेज पर होता है। सीसे के शरीर पर होने वाले प्रभाव-: आईक्यू स्कोर का कम होना, दिमागी क्षमता घटना, पढ़ने लिखने पर असर, लेड के असर से गुस्सा या असामाजिक व्यवहार का बढ़ना भी होता है। छोटे बच्चे यदि लेड-सीसे, के संपर्क में आते हैं तो उनमे साधारण तौर पर मतली या उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। भूख कम लगना, चिड़चिड़ापन का होना, ज्यादा मात्रा में पसीने का आना, लगातार सिरदर्द बना रहना, कमजोरी आदि लक्षण हो सकते हैं। लेड यानी सीसे के संपर्क मे आने से हमारे शरीर के लगभग लगभग सभी अंगों पर असर हो सकता है। सुरक्षित पेंट को पहचानने के कई तरीके हैं-: पेंट का आईएसआई मार्क को चेक करें। मैन्यूफैक्चरिंग तारीख को देंखे। अधिक पुराना पेंट न खरीदें। लेड फ्री लेवल देखे। टेस्ट किट यूज करें। किट से लेड का लेवल परखें। लेड यानी सीसा मुक्त पेंट बच्चों तथा गर्भवती माताओं के सुरक्षित माना जाता है। अत: घरों को पेंट करवाने से पहले सावधान रहें, लेड-सीसा, मुक्त पेंट का उपयोग अधिक करें। सीसा मुक्त पेंट से दिमाग नसों, को खतरा कम रहता है सीसा मुक्त से पेंट सांस एवं दिल की बीमारी का भी खतरा कम रहता है, और सबसे अच्छी बात यह होती है कि सीसा मुक्त पेंट हमारे पर्यावरण के लिए भी कम नुकसानदेह होते है। सीसा मुक्त पेंट में न तो तेज गंध होती है और न ही जहरीले रसायन जिससे घर के अंदर की हवा भी साफ और ताजा बनी रहती है। अधिक चमक दमक के चक्कर में सेहत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना भी ठीक नहीं।





